Daily Thought – 8

जीव का स्वरूप है श्री रामजी का नित्य दास होना | मैं मन,बुद्धि,अहंकार,शरीर, इंद्रिय नही हूँ|मैं विशुद्ध जीवात्मा हूँ |मैं रामचंद्रजी का दास हूँ|केवल यही भाव होगा|यही भाव मोक्ष है|