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भक्त किसी भी योनि में हो, उससे घृणा मत करो |
चाहे संत हो या विद्यार्थी, गुरु की सेवा करने से ही उद्धार होगा | अपने अभिमान को आगे ना आने दें, मन से गुरु की सेवा करें |
मानव जीवन का फल केवल इतना है की भगवान का भजन करा जाए |
मानव चाहने पर केवल भजन ही नहीं कर सकता अपितु भगवान को अपने वश में भी कर सकता है |
सारे संसार को नचाने वाले भगवान अपने भक्तों के इशारे पर नाचते हैं |
अरे मन, तू क्यों व्यर्थ चिंता कर रहा है, कहाँ भटक रहा है | जो श्री राम सारे संसार का भए दूर करते हैं, वो तेरा भी कल्याण करेंगे |
अगर आपका चरित्र साफ़ नहीं है तो भगवान कोई उद्धार नही करेंगे |
जीवन में नाम मत चाहो, बस शांत मन से राम काज करते रहो |
जीने की कला केवल राम जी और उनका चरित्र ही सिखाता है | रामायण जी का पाठ कर लीजिए, आपको जीने की कला आ जाएगी |
जिस प्रकार श्री कृष्णा वंशी में जो धुन देते हैं, वंशी उसी धुन में बजने लगती है उसी प्रकार जो बड़े भाई की आज्ञा हो जाती है, शत्रुघ्न भैया चुप चाप उसी का अनुकरण करते हैं |