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अगर किसी माताजी के पतिदेव का नाम भगवान के नाम पर है, तो वो भी भगवत नाम जाप के उद्देश्य से वो नाम जप सकती हैं.
चाय पीने वाला सन्त नहीं हो सकता। सन्त तो भगवान् का चरणोदक पीता है। One who drinks tea cannot be a saint, a saint drinks the nectar of God’s lotus feet instead.
सब कुछ करा पर श्री राम का भजन नही करा तो जीवन व्यर्थ हो गया.
भजन कम करें तो चलेगा पर भजन ना करने वालो का साथ नही करना चाहिए.
केवल श्री राम ही ऐसे अवतारी हैं जिनके चरण और आचरण, दोनो ही जीव को तार देते हैं.
जहाँ जहाँ भारतीय संस्कृति के ग्रंथों में विरोध दिख रहा है, वहाँ उसका परिहार करना ही मेरा कार्य है, यही मेरा योगदान है
भगवान उसी को तारते हैं जिसकी संत संस्तुति करते हैं | बिना संत की कृपा के भगवान तारते नहीं हैं |
जीव बने हुए को बिगाड़ता है और श्रीराम बिगड़े हुए को बना देते हैं |
जिनमे योगी लोग रम जाते हैं वो हैं राम
जो सबको रमाते हैं वो हैं राम